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विकास के साथ साथ हमारे मन का भी विकास होना चाहिए

.. विकास के साथ साथ हमारे मन का भी विकास होना चाहिए ..





        विकास के साथ साथ हमारे मन का भी विकास होना चाहिए,  हमारी उन भावनाओं का विकास होना चाहिए जो देश के liye कुछ करें जैसे स्वछता सभी चाहते हैँ परन्तु स्वच्छ करना नहीं चाहते…. असहाय लोगों के ऊपर दया सबको आती पर कोई दान देना नहीं देते….. लोग सरकार को आपदा के लिए भी बड़ी मुश्किल से दान देते है जब की चौराहे में कैसे रुपयों के बासी गोल गप्पे और मोमोज़ खा सकते हैँ…. 
        हम क्यों अच्छा सोचते है.. परन्तु करते नहीं हैँ. अगर बात करेंगे रोजगार की क्यों लोग रोजगार के लिए भीख मांगते है, अगर सक्षम बनोगे तो रोजगार तुम्हारे पास आएगा….



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दीवाली शुभकामनाएं                 आप सभी को दीवाली की ढेर सारी शुभकामनाएं.... दीवाली में पटाखे फोड़ने से दीवाली नही होता है पटाखे से पर्यावरण प्रदूषित होता है पटाखे जानलेवा है इससे बहुत सारे दुर्घटना हो जाते है इसकारण इस दीवाली आप सभी दिप जलाकर नई सोच नई विचार के साथ दीवाली मनाये और खूब खुशियां बाटें | 

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जल हि जीवन है |           जल ही जीवन है। पर वह जल जो पीने योग्य हो । अतः प्रकृति से प्राप्त वर्षा ,  नदी ,  झरनों तथा भूमिगत जल का संरक्षण करना आवश्यक है। क्योंकि इनका जल ही हम पीने के लिए प्रयोग कर सकते है यदि ये जल समुद्र में बह कर मिल गया तो ये पीने योग्य नहीं रहेगा और विश्व में पीने योग्य जल का संकट उत्पन्न हो जायेगा। इस लिए उपयोग के अनुसार ही जल का उपयोग करना चाहिए। वर्षा के जल को भूमि और तालाबो में संग्रहित करना चाहिए। घरों दूषित जल को दोवारा शुद्धिकरण करके नहरों के माध्यम से खेती में प्रयोग करना चाहिए ।