.. विकास के साथ साथ हमारे मन का भी विकास होना चाहिए .. विकास के साथ साथ हमारे मन का भी विकास होना चाहिए , हमारी उन भावनाओं का विकास होना चाहिए जो देश के liye कुछ करें … जैसे स्वछता सभी चाहते हैँ परन्तु स्वच्छ करना नहीं चाहते… . असहाय लोगों के ऊपर दया सबको आती पर कोई दान देना नहीं देते ….. लोग सरकार को आपदा के लिए भी बड़ी मुश्किल से दान देते है … जब की चौराहे में कैसे रुपयों के बासी गोल गप्पे और मोमोज़ खा सकते हैँ… . हम क्यों अच्छा सोचते है .. परन्तु करते नहीं हैँ. अगर बात करेंगे रोजगार की क्यों लोग रोजगार के लिए भीख मांगते है , अगर सक्षम बनोगे तो रोजगार तुम्हारे पास आएगा… .